शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

भयानक व लाइलाज़ बीमारी मोटर न्यूरॉन डिजीज एवं मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी - लव तिवारी

Motor Neurone Disease
स्टेफेन हॉकिंग्स ( फिजिक्स वैज्ञानिक) ऐसा नाम जो एक भयानक बीमारी मोटर न्यूरॉन डिसीज़ से प्रभावित थे। आज इसी तरह के बीमारी से ग्रसित एक छोटी बच्ची जो जिंदगी और मौत के बीच मे सांसे ले रही है उसके परिजनों से मिलना हुआ। बच्ची ने पिछले 14 दिनों से अन्न जल त्याग रखा है।

मानसी वर्मा
उम्र- 8 वर्ष
माता- श्री मति रिंकी वर्मा
पिता- श्री सन्नी वर्मा
वर्तमान पता- मुक्तिपुरा मरकिंगंज ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश
स्थाई पता - ग्राम रुकुनदिनपुर पोस्ट नोनहरा ग़ाज़ीपुर

Motor Neurone Disease  में डॉक्टरों और इंटरनेट के द्वारा प्राप्त जानकारियो से यह पता चलता है कि इस बीमारी में नसे सुख जाती है जिससे ब्लड का संचार शरीर मे न होने के कारण मनुष्य कुछ ही वर्ष में मरणासन अवस्था को प्राप्त कर लेता है। सही मायने में ये कहिये की इस जैसी खतरनाक बीमारियों का उपचार अभी तक मेडिकल साइंस के पास नही है लेकिन विदेशों में इस तरह के भयानक बीमारी पर शोध किये जा रहे है। 

इस तरह की एक और भयानक बीमारी जिसका नाम है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी है, इस बिमारी के भी लगभग 9 प्रकार है जिसमे DMD Duchene Muscular Dystrophy एवं LGMD Limb Gard Muscular Dystrophy के मरीज ज्यादा संख्या में है। इंटरनेट और पिछले कई वर्षों तक इस बीमारी से ग्रसित होने के कारण इस बीमारी के प्रकार और उसकी कुछ जानकारी हमें भी ज्ञात है। जैसा कि एक आप सब ने सुना होगा कि एक छोटी बच्ची को सोशल मीडिया कंपेन से इकट्ठा करके 16.5 करोड़ की दवा के माध्यम से उपचार हुआ है और वो पहले से बेहतर है। हमें ये आशा है  कि भविष्य हमारे लिए एक बेहतर इलाज के साथ सुखद परिणाम वाला होगा।

भारत या अन्य कई देशों के पास इन जैसे खतरनाक बीमारियों से निपटने के कोई उपाय नही है। और रोगी के परिजन कुछ लुटेरों डॉक्टरों के झांसे में आ कर लाखों रुपये खर्च कर देते है। पैसा खर्च के साथ अगर रोगी को आराम मिले तो पैसे का सदुपयोग समझ मे आता है। 

बीमारी से प्रभावित रोगी के परिजन के एक सवाल ने मुझे इस पोस्ट को लिखने पर मजबूर कर दिया। उसने मुझसे पूछा कि कोई ऊपरी चक्कर तो नही है। परिजनों को फिर से  यह बात समझा रहा हूँ कि यह एक भयानक बीमारी है औऱ फर्जी डॉक्टरों के साथ आप लोगों झाड़ फूक टोना ऊपरी चक्कर के चक्कर मे आकर अपने पैसे का दुरुपयोग न करें।

भारतीय प्राइवेट लुटेरे डॉक्टर के सम्बंध में भी एक बात कहूंगा। वो अच्छी तरह से जानते है कि इस तरह के बड़े बीमारी का उपचार उसके पास या किसी के पास नही फिर भी वो आप को मूर्ख बनाकर पैसा ऐठते है। कोरोना काल मे आप सभी ने प्राइवेट हॉस्पिटल और डॉक्टरों के आतंक का रूप रेखा देख चुके है।।

परिजन क्या करें।- हर परिजन अपने बच्चे को बचाने का अंत समय तक प्रयास करता है। लेकिन प्रयास का परिणाम अगर सही न हो तो प्रयास करना मेरी नजर में सही नही है। रोगी के परिजनों को यह सुझाव है भारत के बड़े सरकारी अस्पतालों के विशेषज्ञ के सम्पर्क में आप रह सकते है जैसे ऐम्म्स दिल्ली, नीमांस बेंगलुरु, सी एम सी वेल्लोर, कोई कि बीमारी के संभावित कोई भी जानकारी और उनके उपचार के सम्बंध की जनकारी आपको यही से पता लग सकती है।।






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