रविवार, 17 जनवरी 2021

मस्कुलर डिस्ट्रोफी राष्ट्रीय दिव्यांगता कानून 2016 के तहत स्थाई दिव्यांगता श्रेणी में रखा गया है।- लव तिवारी

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के टाइप डीएमडी को को सबसे गंभीर और प्रमुख टाइप माना जाता है, 

परंतु इसका मतलब यह नहीं होता कि बाकी सभी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के टाइप को भुला दिया जाए, 

परंतु जब भी सरकार या कहीं भी जाते हैं तो सिर्फ डीएमडी बताया जाता है, अगर सिर्फ डीएमडी के लिए केस हुआ, तो बाकी सभी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ितों के साथ मैं भी अपना नाम वापस ले लूंगा, 

और अगर सरकार ने सिर्फ डीएमडी के लिए ही नीति बनाई, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे।


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