शुक्रवार, 1 मई 2020

वह सृजनकर्ता,नमन कर हाथ दोनों जोड़ कर मजदूर दिवस विषेश अज्ञात

आप सभी को हमारी तरफ श्रम दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं .......

धूप में वह झुलसता माथे पसीना बह रहा
विषमतायें विवशतायें है युगों से सह रहा.

सृजन करता आ रहा है वह सभी के वास्ते
चीर कर चट्टान को , उसने बनाये रास्ते.

खेत,खलिहानों में उसकी मुस्कुराहट झूमती
उसके दम ऊँची इमारत है गगन को चूमती.

सेतु, नहरें , बाँध उसके श्रम से ही साकार हैं
देश की सम्पन्नता का ,बस वही आधार है.

चिर युगों से देखता आया जमाने का चलन
कागजों के आँकड़े, आँकड़ों का आकलन.

अल्प में संतुष्ट रहता , बस्तियों में मस्त है
मत दिखा झूठे सपन वह हो चुका अभ्यस्त है.

तू उसे देने चला दु:ख सहके जो सुख बाँटता
वह तेरी राहों के काँटे ,है जतन से छाँटता.

लगजा गले तू आज ,झूठी वर्जनायें तोड़ कर
वह सृजनकर्ता,नमन कर हाथ दोनों जोड़ कर.

वह सृजनकर्ता,नमन कर हाथ दोनों जोड़ कर
वह सृजनकर्ता,नमन कर हाथ दोनों जोड़ कर.





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