हैरान हूं तेरे रवैये से, मेरे साथ तूने क्या किया।
ये जिंदगी को तुमने, मौत से बत्तर बना दिया।।
तेरे जफ़ा का ये हस्र है तेरा प्यार मुझको न मिल सका।
मैं वफ़ा करके तेरे साथ फिर,किसी ओर को न मिल सका।।
एक बात सुनी है दुनिया मे जिसे चाहो उसे न पा सको।
जिसे चाह अपनी मिल गयी उसे उसका खुदा मिल गया।।
मुझे इसका तो पता ही है तुम हो अमानत गैर की
मेरा दिल तुम्हारी चाह को पाने में जो विफल रहा।।
एक दुनिया अपनी थी एक दौर वो भी अजीब था ।
मेरे साथ तेरा साथ था वो पल कितना हसीन था ।।
तुम खुश रहो जिसके साथ हो ये दुआ है मेरी दिल से
जो फसल मैंने बोयी थी वो किसी ओर हिस्से में मिल गया।।
रचना- लव तिवारी
दिनांक- 31- जनवरी-2020
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