कल एक छलावा है, आज पर यकीन कर ।
जिंदगी का क्या भरोसा, इस पल को अजीज कर।।
रास्ते कई अनजाने है, चलना यहाँ संभल कर ।
हैं जमाना दुश्मन यहाँ, न कोई ऐसी तक़सीर कर ।।
मुझको मिला एक राही, रास्ते मे जो छोड़ गया ।
मैं किस पर भरोसा करू, मिला ऐसा तकदीर गर ।।
तक़सीर - भूल
रचना- लव तिवारी
दिनांक - 29- नवम्बर-2019
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" शनिवार 19 दिसम्बर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम आदरणीय श्रेष्ठजन
हटाएंएवं सादर धन्यबाद आपको
बहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम आदरणीय श्रेष्ठजन
हटाएंएवं सादर धन्यबाद आपको
आप के ब्लॉग पर विजिट किया बहुत बढ़िया लिखती है आप
वाह
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आदरणीय महोदय सादर प्रणाम आपको
जवाब देंहटाएंआप के ब्लॉग पर विजिट किया बहुत बढ़िया लिखते है गुरुवर आप
आप का सम्पर्क सूत्र मील जाए तो बडी कृपा होगी
धन्यवाद लव तिवारी
ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश