शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

कल एक छलावा है, आज पर यकीन कर- लव तिवारी

कल एक छलावा है, आज पर यकीन कर ।
जिंदगी का क्या भरोसा, इस पल को अजीज कर।।

रास्ते कई अनजाने है, चलना यहाँ संभल कर ।
हैं जमाना दुश्मन यहाँ, न कोई ऐसी तक़सीर कर ।।

मुझको मिला एक राही, रास्ते मे जो छोड़ गया ।
मैं किस पर भरोसा करू, मिला ऐसा तकदीर गर ।।

तक़सीर - भूल 
रचना- लव तिवारी
दिनांक - 29- नवम्बर-2019



6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" शनिवार 19 दिसम्बर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. सादर प्रणाम आदरणीय श्रेष्ठजन
      एवं सादर धन्यबाद आपको

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  2. उत्तर
    1. सादर प्रणाम आदरणीय श्रेष्ठजन
      एवं सादर धन्यबाद आपको
      आप के ब्लॉग पर विजिट किया बहुत बढ़िया लिखती है आप

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  3. शुक्रिया आदरणीय महोदय सादर प्रणाम आपको
    आप के ब्लॉग पर विजिट किया बहुत बढ़िया लिखते है गुरुवर आप
    आप का सम्पर्क सूत्र मील जाए तो बडी कृपा होगी

    धन्यवाद लव तिवारी
    ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश

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