शनिवार, 19 अक्टूबर 2019

दो दिन जा जग में मेला सब चला चली- अनूप जलोटा

चलती चक्की देख के दिया कबीरा रो
दो पाटन के बीच में साबुत बचा ना कोई

दो दिन का जग में मेला सब चला चली का खेला
दो दिन का जग में मेला सब चला चली का खेला

कोई चला गया कोई जावे,कोई गठरी बांध सी भावे-2
कोई खड़ा तैयार अकेला रे कोई खड़ा तैयार अकेला
चला चली का खेला रे खेला रे खेला रे
दो दिन का जग मे मेला सब चला चली का खेला
दो दिन का जग .......

मात-पिता सूत नारी भाई अंत सहायक नाही-2
फिर क्यो भरता पाप का ठेला रे
फिर क्यो भरता पाप का ठेला
चला चली का खेला रे खेला रे खेला रे
दो दिन का जग मे मेला सब
चला चली .........

ये तो है नश्वर संसारा भजन को करले ईश का प्यारा-2
ब्रह्मानंद कहे सुन चेला रे ब्रह्मानंद कहे सुन चेला
चला चली का खेला रे खेला रे खेला रे
दो दिन का जग मे मेला सब चला चली का खेला

दो दिन का जग.....चला चली......4



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