समाज मे आधुनिकता और पश्चिमी सभ्यताओं के नाम पर हम में बहुत ख़राब परिवर्तन आये है जहा घर में गाय न रख के कुत्ता रखना | कुत्ते के बारे में शास्त्रों में कहा गया है के इसको कभी भी बांध के नही रखना चाहिए इसको खुला छोड़ना चाहिए और गाय के बारे में कहा गया है के इसको साज समाल कर के रखना चाहिए देखभाल के साथ | पर हमने ऐसी अंग्रेजी शिक्षा शिखी के गाय को छोर दी, कशाई ले जाये काटने को या कोई और... कुत्ता पकड़ के घर में बांध के पट्टे से रखा..और बड़े शान से बताते है 'देखो मेरा कुत्ता' | रोज सबरे कुत्ते को टहलाने लेके जायेंगे, फिर सुसु और टट्टी करवाएंगे और गाय की बार करो तोह नाक चड़ाएंगे | एक कुत्ते को पालने के लिए आज कल लाखों रुपये खर्च किये जा रहे है कुत्ते की महत्ता आदमी से बढ़ कर हो गयी है क्यो की कुत्ते की देखभाल करने के लिए विशेष रूप से नौकर और नौकरी दी जाती है
कुत्ते और गाय की कोई तुलना नही हो सकती पर अंग्रेजी शिक्षा ने सब सत्यानास कर दिया | जिस गाय के गोबर से स्नान किये बिना आप कोई यज्ञ नही कर सकते, जिस गोबर की लेपन किये बिना यज्ञ की बेदी नही बन सकती उसी गोबर को देखते ही अंग्रेजी स्कूल में पड़ने वाले बच्चे छि छि करते है और बदबू की बात करते है पर दुनिया भर का कचरा अंग्रेजी सेन्ट और परफिउम में खुसबू आति है जो त्वचा और शारीर दोनों का नुक़सान करते है |
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