शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

भगवान राम के कुल की विस्तृत जानकारी - वा‍ल्मीकि रामायण- ॥1-59 से 72।।

राम के कुल को रघुवंश या रघुकुल क्यूँ कहा जाता है?
भगवान् राम की वंश परंपरा
वैवस्वत मनु के दस पुत्र थे- इल, इक्ष्वाकु, कुशनाम, अरिष्ट, धृष्ट, नरिष्यन्त, करुष, महाबली, शर्याति और पृषध।भगवान् राम का जन्म इक्ष्वाकु के कुल में हुआ था।
मनु के दूसरे पुत्र इक्ष्वाकु से विकुक्षि, निमि और दण्डक पुत्र उत्पन्न हुए। इस तरह से यह वंश परम्परा चलते-चलते हरिश्चन्द्र रोहित, वृष, बाहु और सगर तक पहुँची।
इक्ष्वाकु प्राचीन कौशल देश के राजा थे और इनकी राजधानी अयोध्या थी।
रामायण के बालकांड में गुरु वशिष्ठजी द्वारा राम के कुल का वर्णन किया गया है जो इस प्रकार है:- ब्रह्माजी से मरीचि का जन्म हुआ।
मरीचि के पुत्र कश्यप हुए।कश्यप के विवस्वान और विवस्वान के वैवस्वतमनु हुए।वैवस्वत मनु के समय जल प्रलय हुआ था।वैवस्वतमनु के दस पुत्रों में से एक का नाम इक्ष्वाकु था। इक्ष्वाकु ने अयोध्या को अपनी राजधानी बनाया और इस प्रकार इक्ष्वाकु कुल की स्थापना की।
इक्ष्वाकु के पुत्र कुक्षि हुए।
कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था।
विकुक्षि के पुत्र बाण और बाण के पुत्र अनरण्य हुए।
अनरण्य से पृथु और पृथु और पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ।
त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए।
धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था।
युवनाश्व के पुत्र मान्धाता हुए और मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ।
सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित।
ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए।
भरत के पुत्र असित हुए और असित के पुत्र सगर हुए।
सगर अयोध्या के बहुत प्रतापी राजा थे।सगर के पुत्र का नाम असमंज था।असमंज के पुत्र अंशुमान तथा अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए।दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए।
भगीरथ ने ही गंगा को पृथ्वी पर उतार था।भगीरथ के पुत्र ककुत्स्थ और ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए।रघु के अत्यंत तेजस्वी और पराक्रमी नरेश होने के कारण उनके बाद इस वंश का नाम रघुवंश हो गया। तब राम के कुल को रघुकुल भी कहा जाता है।
रघु के पुत्र प्रवृद्ध हुए।
प्रवृद्ध के पुत्र शंखण और शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए।
सुदर्शन के पुत्र का नाम अग्निवर्ण था।
अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग और शीघ्रग के पुत्र मरु हुए।
मरु के पुत्र प्रशुश्रुक और प्रशुश्रुक के पुत्र अम्बरीष हुए।
अम्बरीष के पुत्र का नाम नहुष था।नहुष के पुत्र ययाति और ययाति के पुत्र नाभाग हुए।
नाभाग के पुत्र का नाम अज था।अज के पुत्र दशरथ हुए और दशरथ के ये चार पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत, तथा शत्रुघ्न हैं।
वा‍ल्मीकि रामायण- ॥1-59 से 72।।


आधुनिक समाज मे गाय को छोड़कर घर मे कुत्ते की अधिक महत्ता- लव तिवारी

समाज मे आधुनिकता और पश्चिमी सभ्यताओं के नाम पर हम में बहुत ख़राब परिवर्तन आये है जहा घर में गाय न रख के कुत्ता रखना | कुत्ते के बारे में शास्त्रों में कहा गया है के इसको कभी भी बांध के नही रखना चाहिए इसको खुला छोड़ना चाहिए और गाय के बारे में कहा गया है के इसको साज समाल कर के रखना चाहिए देखभाल के साथ | पर हमने ऐसी अंग्रेजी शिक्षा शिखी के गाय को छोर दी, कशाई ले जाये काटने को या कोई और... कुत्ता पकड़ के घर में बांध के पट्टे से रखा..और बड़े शान से बताते है 'देखो मेरा कुत्ता' | रोज सबरे कुत्ते को टहलाने लेके जायेंगे, फिर सुसु और टट्टी करवाएंगे और गाय की बार करो तोह नाक चड़ाएंगे | एक कुत्ते को पालने के लिए आज कल लाखों रुपये खर्च किये जा रहे है कुत्ते की महत्ता आदमी से बढ़ कर हो गयी है क्यो की कुत्ते की देखभाल करने के लिए विशेष रूप से नौकर और नौकरी दी जाती है

कुत्ते और गाय की कोई तुलना नही हो सकती पर अंग्रेजी शिक्षा ने सब सत्यानास कर दिया | जिस गाय के गोबर से स्नान किये बिना आप कोई यज्ञ नही कर सकते, जिस गोबर की लेपन किये बिना यज्ञ की बेदी नही बन सकती उसी गोबर को देखते ही अंग्रेजी स्कूल में पड़ने वाले बच्चे छि छि करते है और बदबू की बात करते है पर दुनिया भर का कचरा अंग्रेजी सेन्ट और परफिउम में खुसबू आति है जो त्वचा और शारीर दोनों का नुक़सान करते है |