शनिवार, 21 अप्रैल 2018

बेईमानों की फौज बन गयी सत्ता के गलियारे में- नृपजीत सिंह पप्पू

राजनीति भी भीग रही है झूठ के फव्वारे में,
बेइमानों की फ़ौज बन गयी सत्ता के गलियारे में,

कहाँ दिख रहा कोई युधिष्ठिर, दुर्योधन ही सारे हैं,
शकुनि सर पर नाच रहा है,विदुर तो दूर किनारे है,

भीष्म की थी जो भीष्म प्रतिज्ञा उसमे नेक इरादे थे,
अब तो मंजिल सिंहासन और खोखले सब वादे हैं,

क्या फिर से होगा महाभारत लोकतंत्र के चौबारे में,
बेईमानों की फ़ौज बन गयी सत्ता के गलियारे में,,,,,,,

जनमानस के सुख ख़ातिर वो कितना परित्याग किये,
साधारण जन की शंका पर माँ सीता को वनवास दिए,

जनता संग विश्वासघात ख़्वाहिश जन सेवक बनने की,
रामराज्य की कोरि कल्पना सहनशक्ति नही सुनने की,

क्यों देखें छवि राम की जनतंत्र के हत्यारे में,,,,,,,
बेईमानों की फ़ौज बन गयी सत्ता के गलियारे में,,,,,,

गुज़रा नही है वक्त अभी भी आओ सभी सम्हल जायें,
बांध कफ़न संघर्ष करें गद्दारों का दिल दहल जाये,

हिंसा नही अहिंसा से ही इनको दूर भगा डालें,
नापाक हुए दामन को मिलकर फिर से पाक बना डालें

बहुत हो चुका रहा ना बाक़ी सुनना इनके बारे में,,,,,
बेईमानों की फ़ौज बन गयी सत्ता के गलियारे में,,,,,,

राजनीति भी भीग रही है झूठ के फव्वारे में,
बेईमानों की फ़ौज बन गयी सत्ता के गलियारे में,,,,,,,

लेख़क- नृपजीत सिंह"निप्पी' पप्पू सिंह
         महुआ टीवी


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