कल तक था जो मेरा अपना आज बेगाना क्यो है
मेरी हालत देखकर ये जमाना पागल क्यो हैं
मेरी हालत देखकर ये जमाना पागल क्यो हैं
उनकी चाहत में अक्सर हालत कुछ ऐसी होती
जाने सब बातों को दिल फिर भी दीवाना क्यो है
जाने सब बातों को दिल फिर भी दीवाना क्यो है
वो रूठे तो उनके तस्वीरों से बात करे मेरी नजरें
रात गुजर जाये चाहत में वो अफ़साना क्यो है
रात गुजर जाये चाहत में वो अफ़साना क्यो है
एक दीवाना मैं जो अक्सर तड़पु न सोऊ रातो में
मेरी मोहब्बत का मसीहा आज अंजाना क्यो है
मेरी मोहब्बत का मसीहा आज अंजाना क्यो है
रचना- लव तिवारी
१५- जनवरी- २०१८
१५- जनवरी- २०१८
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