सोमवार, 30 अक्तूबर 2017

बहुत दूर से वो शख्श मुझे अपना लगा -लव तिवारी

बहुत दूर से वो शख्श मुझे अपना लगा
नज़दीक से गुजरा तो कुछ बदला लगा

कई ख्वाईश दफ्न हुए उसके रवैये से
आदमी इंसानियत का झूठा आईना निकला
कई खूबसूरत जिंदगी को देखकर
अपने दौर के भर्म का फासला निकला
फ़सल बो कर भी दाने से बेघर जो किसान
इस तरह के हालात का एक करवा निकला
लव तिवारी


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