बुधवार, 13 सितंबर 2017

जमाना आज भी कहता है बेघर मुझको - लव तिवारी

गुजर कर देख तू मेरी राहों को इस कदर अब तो
जमाना आज भी कहता है बेघर मुझको

सब कहते है किसी के प्यार में पागल है ये तो
आदमी मुझसा बनकर तो महसूस कर मुझको

उम्मीद होती है हर आशिक को अपने वफ़ा पर
जफ़ा भी की तुमने और तोहमत भी दिये मुझको

कल तलक मैं भी था मोहब्बत को मानने वाला
मिली जो आज अपने खूबसूरत फर्ज की सजा मुझको

ख्वाब के मंजर में अब  भी आता है ख़्याल तेरा
ख्वाइशें दफन है  जमाने की रंजिश में अब तो

लव तिवारी
रचना - 13-09-2019
www.lavtiwari.blogspot.in


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