सोमवार, 10 जुलाई 2017

आखों में आँसू दिल मे अंगार लिए बैठे है- लव तिवारी

आँखों मे आँसू दिल में अंगार लिए घूमते है
हम तेरे प्यार में गुलिस्ता बर्बाद किये घूमते है

हस्र अब ये है दिल धड़कता नही तड़पता है
ख्वाइशें ऐसी है कि बेकरार लिए घूमते है

याद आते ही अब भी आँखे नम हो जाती
जमना कहता है तेरा प्यार लिए घूमते है

भले दूर ही सही आज भी दिल के करीब हो तुम
ख़्वाब में आज भी तुम्हारा तलबगार लिए घूमते है

जहाँ में हम तुम एक न हो सके तो क्या हुआ
चाहत आज भी जवा है इंतेजार लिए घूमते है

रचना- लव तिवारी 10-07-2017


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