डर अब ये है कि हर ज़नाज़े को कफन चाहिये
मौत बत्तर न हो कही एक ऐसी जगह चाहिए
मौत बत्तर न हो कही एक ऐसी जगह चाहिए
कौन है यहाँ अपना इस बात की खबर नही मुझे
गर पड़े काम तो हर शख्स की परख चाहिए
गर पड़े काम तो हर शख्स की परख चाहिए
आइये चलिए कही बैठ कर फिर जाम पीये
सच को परखने के लिए नशे की लत चाहिए
सच को परखने के लिए नशे की लत चाहिए
बड़े तोहमत भी दिए और बाद में शर्मिंदगी भी
ऐसे हालात के बाद भी दिल पर उन्हें हक चाहिए
ऐसे हालात के बाद भी दिल पर उन्हें हक चाहिए
मुझसे मांगते है वो कि अब दो मुझे तुम और तौफा
दिल लगाने के बदले उन्हें मेरा जानो जहन चाहिए
दिल लगाने के बदले उन्हें मेरा जानो जहन चाहिए
रचना- डर अब ये है कि हर ज़नाज़े को कफन चाहिये - लव तिवारी
06-07-2017
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