गुरुवार, 18 मई 2017

तेरी उल्फत में भी एक अदा है - डॉ एम डी सिंह

तेरी  उल्फत  में  भी  एक अदा है
तेरी  नफरत  में भी  एक  अदा है
खैर  वाजिब   तो   वाजिब  है  ही
बेजा  हरकत में  भी एक  अदा है
जान-बूझ के करे तो क्या  कहना
तेरी  गफ़लत में भी  एक  अदा है
अदा  इनकार  में भी  तेरे कम ना
तेरी  शिरकत  में भी  एक अदा है
कभी  जो   नाफरमा  हुए  तो भी
तेरी  सहमत  में  भी एक अदा है
उल्फत - प्यार
वाजिब - सही
बेजा - गलत
गफलत - अनजान
शिरकत - भाग लेना
नाफरमा - विरोधी
डॉ एम डी सिंह


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