शनिवार, 28 जनवरी 2017

जो खो जाता है मिलकर जिंदगी में - चन्दन दास

जो खो जाता है मिलकर जिंदगी में-2
ग़ज़ल है नाम उसका शायरी में

निकल आते आंसू हँसते हँसते-3
ये किस गम की महक हर ख़ुशी में
ग़ज़ल है............

कही चेहरा कही आँखे कही लब- 3
हमेशा एक मिलता है करी में
ग़ज़ल है.......

सुलगती रेत में पानी कहा था
कोई बादल छुपा था तिशनगी में
ग़ज़ल है.............

जमी पर आशमा मिलता नही है
फरिश्ता ढूढ़िये मत आदमी में
ग़ज़ल है..........

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