बुधवार, 13 जनवरी 2016

Dil Dhoondta Hai Phir Wohi - दिल ढूँढता है फिर वही


दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए
दिल ढूँढता है...

जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर
आँखों पे खींचकर तेरे आँचल (दामन) के साये को
औंधे पड़े रहें कभी करवट लिये हुए
दिल ढूँढता है...

या गरमियों की रात जो पुरवाईयाँ चलें
ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागें देर तक
तारों को देखते रहें छत पर पड़े हुए
दिल ढूँढता है...

बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर
वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें
आँखों में भीगे-भीगे लम्हें लिये हुए
दिल ढूँढता है...

Movie/Album: मौसम (1975)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: भूपिंदर सिंह, लता मंगेशकर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें