बुधवार, 8 अक्तूबर 2014

देख कर तस्वीर तेरी जमाना भूल जाते है ,

देख कर तस्वीर तेरी जमाना भूल जाते है ,
खुशी इतनी होती है कि मुस्कुराना भूल जाते है।।
पोंछते रहते है बहते अश्क जमाने भर के ,
अपनी आँखो के आँसू दिखाना भूल जाते है।।
हजारो बाते समझाते रहते है दुनियाभर को ,
बस अपने आप को समझाना भूल जाते है।।
यह अँधेरा भी खुश रहता है रातो का मेरी ,
चराग रखे रहते है और जलाना भूल जाते है।।
आँधियो मे भी रौशन रहता है सदा वजूद मेरा ,
दिल के जलते दिये तूफान मे बुझाना भूल जाते है।।
वो समझ नही पाते मेरी नजरों की चाहत,
मूझे उससे मोहब्बत है हम बताना भूल जाते है।।

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