निबंध, नाटक, उपन्यास, कहानी, आलोचना, संस्मरण, रेखाचित्र, आत्मकथा, जीवनी, डायरी, यात्राव्रत, कविता, गज़ल, भजन, भोजपुरी, नवगीत, हिन्दीफिल्मी गीत, शायरी, भोजपुरी गीत, पत्र लेखन, जीवन परिचय, भारत की संस्कृति के लिए , लघुकथा, विज्ञानकथा, व्यंग, पुस्तक समीक्षा,भाषा की उन्नति के लिए, साहित्य के प्रसार के लिए, लव तिवारी
गुरुवार, 22 नवंबर 2012
सोमवार, 19 नवंबर 2012
बहते अश्को की ज़ुबान नही होती
बहते अश्को की ज़ुबान नही होती,
लफ़्ज़ों मे मोहब्बत बयां नही होती,
मिले जो प्यार तो कदर करना,
किस्मत हर कीसी पर मेहरबां नही होती.
लफ़्ज़ों मे मोहब्बत बयां नही होती,
मिले जो प्यार तो कदर करना,
किस्मत हर कीसी पर मेहरबां नही होती.
रविवार, 18 नवंबर 2012
उसको नम्बर देके मेरी और उलझन बढ़ गई फोन की घंटी बजी और दिल की धड़कन बढ़ गई
उसको नम्बर देके मेरी और उलझन बढ़ गई
फोन की घंटी बजी और दिल की धड़कन बढ़ गई
इस तरफ़ भी शायरी में कुछ वज़न-सा आ गया
उस तरफ़ भी चूड़ियों की और खन-खन बढ़ गई
गुरुवार, 15 नवंबर 2012
कहने की सीमा होती है, सहने की सीमा होती है;
कहने की सीमा होती है,
सहने की सीमा होती है;
कुछ मेरे भी वश में,
मेरा कुछ सोच-समझ अपमान करो!
अब मत मेरा निर्माण करो
सहने की सीमा होती है;
कुछ मेरे भी वश में,
मेरा कुछ सोच-समझ अपमान करो!
अब मत मेरा निर्माण करो
शुक्रवार, 9 नवंबर 2012
अपने दिल को पत्थर का बना कर रखना , हर चोट के निशान को सजा कर रखना ।
अपने दिल को पत्थर का बना कर रखना ,
हर चोट के निशान को सजा कर रखना ।
उड़ना हवा में खुल कर लेकिन ,
अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना ।
छाव में माना सुकून मिलता है बहुत ,
फिर भी धूप में खुद को जला कर रखना ।
उम्रभर साथ तो रिश्ते नहीं रहते हैं ,
हर चोट के निशान को सजा कर रखना ।
उड़ना हवा में खुल कर लेकिन ,
अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना ।
छाव में माना सुकून मिलता है बहुत ,
फिर भी धूप में खुद को जला कर रखना ।
उम्रभर साथ तो रिश्ते नहीं रहते हैं ,
यादों में हर किसी को जिन्दा रखना ।
वक्त के साथ चलते-चलते , खो ना जाना ,
खुद को दुनिया से छिपा कर रखना ।
रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी ,
अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना ।
तुफानो को कब तक रोक सकोगे तुम ,
कश्ती और मांझी का याद पता रखना ।
हर कहीं जिन्दगी एक सी ही होती हैं ,
अपने ज़ख्मों को अपनो को बता कर रखना ।
मन्दिरो में ही मिलते हो भगवान जरुरी नहीं ,
हर किसी से रिश्ता बना कर रखना.
वक्त के साथ चलते-चलते , खो ना जाना ,
खुद को दुनिया से छिपा कर रखना ।
रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी ,
अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना ।
तुफानो को कब तक रोक सकोगे तुम ,
कश्ती और मांझी का याद पता रखना ।
हर कहीं जिन्दगी एक सी ही होती हैं ,
अपने ज़ख्मों को अपनो को बता कर रखना ।
मन्दिरो में ही मिलते हो भगवान जरुरी नहीं ,
हर किसी से रिश्ता बना कर रखना.
रविवार, 4 नवंबर 2012
Indian Newspapers- Lav Tiwari 08010060609
Indian Newspapers
- 5abi
- Aaj Ka Inqalab (Shimoga, Karnataka) [In Urdu]
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- Aamader Malda (West Bengal, Malda) [In Bengali]
- Aapkiawaz.com [In Hindi]
- ABC Live
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- Anandabazar (West bengal) [In Bengali]
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- Ajmernama (Ajmer, Rajasthan) [In Hindi]
- Akhbarulhind [In Arabic]
- Akila Daily
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- Asomiya Pratidin
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- Aurangabadtimes Urdu daily (Maharashtra) [In Urdu]
- Awaz-e-Dost (Hyperabad, Andhra Pradesh) [In Urdu]
- The Bangalore Metro Reporter (Bangalore City, Karnataka State) [In English]
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- BBC Bengali
- BBC Hindi
- BBC Tamil
- BD24Live (North Bengal) [In Bengali]
- Beed Reporter [In Marathi]
- Bengal Newz (Kolkata, Siliguri, Durgapur, West Bengal, Tripura, Assam & New Delhi) [In English]
- Bharat Khabar (New Delhi) [In Hindi]
- Bhaskar (Haryana) [In Hindi]
- Bihar Times
- Business Standard
- The Capital Post (New Delhi) [In English]
- Chauthi Duniya [In Urdu & Hindi]
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- The Daily Etalaat (Jammu, kashmir, srinagar) [In English & Urdu]
- Daily Excelsior (Kashmir) [In English]
- Daily Hamara Samaj (Delhi,Uttar, Pardes, Haryana, Punjab, Utrakhand, Rajasthan) [In Urdu]
- Daily Hindi News [In Hindi] (Madhya Pradesh, Bundelkhand, Sagar)
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- Daily Kashmir Images (Jammu, Kashmir) [In English]
- Daily Kesari
- Daily Lokmanthan (Maharashtra) [In Marathi]
- Daily Loktimes (Maharashtra) [In Marathi]
- The Daily Milap
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- Dainik Jugasankha (Silchar, Assam) [In Bangali]
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- Don Gujarat (Navsari, Gujarat) [In Gujarati]
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- Ganashakti (West Bengal / Kolkata) [In Bengali]
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- Hamara Mahanagar (Mumbai, Pune & Delhi) [In Hindi]
- The Hamdam Daily (Andhra Pradesh, Hyderabad) [In Urdu]
- Hamdard Weekly [In Punjabi]
- The Hans India (Andhra Prades, Hyderabad) [In English]
- Har Pal Online (Bhatkal Karnataka) [In Urdu]
- Hastakshep [In Hindi]
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मंगलवार, 23 अक्तूबर 2012
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते?
मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते?
हर बार कोई ज़ख़्म नया क्यों नहीं देते?
ये रात, ये तनहाई, ये सुनसान दरीचे
चुपके से मुझे आके सदा क्यों नहीं देते।
है जान से प्यारा मुझे ये दर्द-ए-मोहब्बत
कब मैंने कहा तुमसे दवा क्यों नहीं देते
।
गर अपना समझते हो तो फिर दिल में जगह दो
हूँ ग़ैर तो महफ़िल से उठा क्यों नहीं देते।
–
सोमवार, 22 अक्तूबर 2012
हे भगवान अब तो फिल्मो को दुनिया छोड़ दो भारतीय पॉलीटिक्स पर भी नजर डालो.
सुबह से लोगो के मोबाइल फ़ोन पे एक मैसेज घूम रहा है .यदि सच साबित हो जाय तो मित्रो अपने देश में क़यामत आ जाएगी ..आईये मैसेज को पढ़ते है
देवानन्द को उठा लिया, शम्मी कपूर को उठा लिया ,राजेश खन्ना को उठा लिया ,जगजीत सिँह को बुला लिया, दारा सिँह को बुला लिया, मेहदी हसन को बुला लिया , ए के हंगल को बुला लिया .और तो और रोमांस किंग यश चोपड़ा को भी उठा लिए वो मच्छर के काटने से , काला हिट भी नहीं दिया था बचाव के लिए ........
हे भगवान
अब तो फिल्मो को दुनिया छोड़ दो भारतीय पॉलीटिक्स पर भी नजर डालो............यहाँ पे भी बहुत से ऐसे वीर है जिन्हें आपको जरुरत होगी
देवानन्द को उठा लिया, शम्मी कपूर को उठा लिया ,राजेश खन्ना को उठा लिया ,जगजीत सिँह को बुला लिया, दारा सिँह को बुला लिया, मेहदी हसन को बुला लिया , ए के हंगल को बुला लिया .और तो और रोमांस किंग यश चोपड़ा को भी उठा लिए वो मच्छर के काटने से , काला हिट भी नहीं दिया था बचाव के लिए ........
हे भगवान
अब तो फिल्मो को दुनिया छोड़ दो भारतीय पॉलीटिक्स पर भी नजर डालो............यहाँ पे भी बहुत से ऐसे वीर है जिन्हें आपको जरुरत होगी
शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2012
सर जिसका किसी पल भी हमने ना उठा देखा उस शख्स के क़दमो में हर सर को पड़ा देखा.
सर जिसका किसी पल भी हमने ना उठा देखा
उस शख्स के क़दमो में हर सर को पड़ा देखा.
साक़ी-ओ-शराबी का कुछ भेद नहीं मिलता
हर एक कि आँखों में हमने तो नशा देखा.
काशी थी कि काबा था क्या इससे हमें मतलब
जब झाँक लिया दिल में हमने तो ख़ुदा देखा.
इक बार जो डूबे तो ताउम्र नहीं निकले
उन झील सी आँखों में मत पूछिए क्या देखा.
दरबार-ए-मुहब्बत के आदाब निराले हैं
शाहों को गदाओं कि चौखट पे खड़ा देखा.
उस शख्स के क़दमो में हर सर को पड़ा देखा.
साक़ी-ओ-शराबी का कुछ भेद नहीं मिलता
हर एक कि आँखों में हमने तो नशा देखा.
काशी थी कि काबा था क्या इससे हमें मतलब
जब झाँक लिया दिल में हमने तो ख़ुदा देखा.
इक बार जो डूबे तो ताउम्र नहीं निकले
उन झील सी आँखों में मत पूछिए क्या देखा.
दरबार-ए-मुहब्बत के आदाब निराले हैं
शाहों को गदाओं कि चौखट पे खड़ा देखा.
वो वफ़ाओं का मेरी यूँ भी सिला देने लगे,
वो वफ़ाओं का मेरी यूँ भी सिला देने लगे,
मुश्किलों के वक़्त में वो हौसला देने लगे,
जब अदब से कर लिया मैंने बुज़ुर्गों को सलाम,
हाथ मेरे सर पे रख के वो दुआ देने लगे,
प्यार से सींचा है मैंने जिन दरख्तों को ऐ दोस्त,
मुश्किलों के वक़्त में वो हौसला देने लगे,
जब अदब से कर लिया मैंने बुज़ुर्गों को सलाम,
हाथ मेरे सर पे रख के वो दुआ देने लगे,
प्यार से सींचा है मैंने जिन दरख्तों को ऐ दोस्त,
माँ के आँचल की तरह ठंडी हवा देने लगे।
गुरुवार, 18 अक्तूबर 2012
कभी नज़रें मिलाने में लम्हे बीत जाते है , कभी नज़रें चुराने में जमानें बीत जाते हैं |
कभी नज़रें मिलाने में लम्हे बीत जाते है ,
कभी नज़रें चुराने में जमानें बीत जाते हैं |
किसी ने आँख भी खोली तो सोने की नगरी में ,
किसी को घर बनाने में जमाने बीत जाते हैं |
कभी काली गहरी रात हमें एक पल की लगती है,
कभी एक पल बिताने में ज़माने बीत जाते हैं |
कभी खोला दरवाजा खड़ी थी सामने मंजिल ,
कभी मंजिल पाने में जमाने बीत जाते हैं |
एक पल में टूट जाते हैं उम्र भर के "वो रिश्ते ",
"वो रिश्ते " जो बनाने में ज़माने बीत जाते हैं |
हवा का ज़ोर भी काफ़ी बहाना होता है अगर चिराग किसी को जलाना होता है।
हवा का ज़ोर भी काफ़ी बहाना होता है
अगर चिराग किसी को जलाना होता है।
अगर चिराग किसी को जलाना होता है।
ज़ुबानी दाग़ बहुत लोग करते रहते हैं,
जुनूँ के काम को कर के दिखाना होता है।
जुनूँ के काम को कर के दिखाना होता है।
हमारे शहर में ये कौन अजनबी आया
कि रोज़ सफ़र पे रवाना होता है।
कि रोज़ सफ़र पे रवाना होता है।
कि तू भी याद नहीं आता ये तो होना था
गए दिनों को सभी को भुलाना होता है।
गए दिनों को सभी को भुलाना होता है।
मंगलवार, 16 अक्तूबर 2012
अपने दिल को पत्थर का बना कर रखना , हर चोट के निशान को सजा कर रखना ।
अपने दिल को पत्थर का बना कर रखना ,
हर चोट के निशान को सजा कर रखना ।
उड़ना हवा में खुल कर लेकिन ,
अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना ।
छाव में माना सुकून मिलता है बहुत ,
फिर भी धूप में खुद को जला कर रखना ।
उम्रभर साथ तो रिश्ते नहीं रहते हैं ,
यादों में हर किसी को जिन्दा रखना ।
वक्त के साथ चलते-चलते , खो ना जाना ,
खुद को दुनिया से छिपा कर रखना ।
रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी ,
अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना ।
तुफानो को कब तक रोक सकोगे तुम ,
कश्ती और मांझी का याद पता रखना ।
हर कहीं जिन्दगी एक सी ही होती हैं ,
अपने ज़ख्मों को अपनो को बता कर रखना ।
मन्दिरो में ही मिलते हो भगवान जरुरी नहीं ,
हर किसी से रिश्ता बना कर रखना.
हर चोट के निशान को सजा कर रखना ।
उड़ना हवा में खुल कर लेकिन ,
अपने कदमों को ज़मी से मिला कर रखना ।
छाव में माना सुकून मिलता है बहुत ,
फिर भी धूप में खुद को जला कर रखना ।
उम्रभर साथ तो रिश्ते नहीं रहते हैं ,
यादों में हर किसी को जिन्दा रखना ।
वक्त के साथ चलते-चलते , खो ना जाना ,
खुद को दुनिया से छिपा कर रखना ।
रातभर जाग कर रोना चाहो जो कभी ,
अपने चेहरे को दोस्तों से छिपा कर रखना ।
तुफानो को कब तक रोक सकोगे तुम ,
कश्ती और मांझी का याद पता रखना ।
हर कहीं जिन्दगी एक सी ही होती हैं ,
अपने ज़ख्मों को अपनो को बता कर रखना ।
मन्दिरो में ही मिलते हो भगवान जरुरी नहीं ,
हर किसी से रिश्ता बना कर रखना.
शुक्रवार, 28 सितंबर 2012
ख्वाब देखकर हर ख्वाब मे यही देखा, ---***** लव तिवारी ----08010060609
ख्वाब देखकर हर ख्वाब मे यही देखा,
तुम्हे देखा बस तुम्हे ही देखा,
रात भर मैं तेरा इंतजार करता रहा,
मंज़िल को भूल कर तेरा रास्ता देखा
तमन्ना उम्र भर तुझे तुझसे मागाता रहा
हर घड़ी हर लम्हा तुझे चाहता रहा,
मेरी चाहत की बंदगी से कम नही,
जब भी तुम्हे देखा तो लगा की खुदा देखा
***** लव तिवारी --------------------------
गुरुवार, 27 सितंबर 2012
मेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।
मेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं
मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक मां है जो मुझसे खफा नहीं होती।
अभी जिंदा है मां मेरी मुझे कुछ नहीं होगा
मैं घर से जब निकलता हूं दुआ भी साथ चलती है।
कुछ नहीं होगा तो आंचल में छुपा लेगी मुझे
मां कभी सर पे खुली छत नहीं रहने देगी
मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं।
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक मां है जो मुझसे खफा नहीं होती।
अभी जिंदा है मां मेरी मुझे कुछ नहीं होगा
मैं घर से जब निकलता हूं दुआ भी साथ चलती है।
कुछ नहीं होगा तो आंचल में छुपा लेगी मुझे
मां कभी सर पे खुली छत नहीं रहने देगी