शुक्रवार, 1 अगस्त 2025

मुमकिन है वो साथ न आये हाथ में उसका हाथ न आये रचना - लव तिवारी

मुमकिन है वो साथ न आये 
हाथ में उसका हाथ न आये... 

अब मुझको तुम भूल ही जाओ 
उन के लबों पे ये बात न आये... 

बिना तेरे कट तो रही है रात.. 
मगर ऐसी कातिल रात न आये...

प्यास बहुत है दिल में बाकी 
पर ये थोड़े दिन की बरसात न आये..



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