कच्चे घर और पक्के रिश्ते होते थे
गाँव वाले कितने अच्छे होते थे
गाँव वाले कितने अच्छे होते थे
सुना है हर दरवाजे में अब ताला है
पहले तो हर घर मे बच्चे होते थे
पहले तो हर घर मे बच्चे होते थे
अब तो कार में दुल्हन आती जाती है
पहले सिर्फ डोली और सिक्के होते थे
पहले सिर्फ डोली और सिक्के होते थे
ये तो खुश्क़ पडी़ है नदिया झरने भी
याद है बादल कितने गहरे होते थे
याद है बादल कितने गहरे होते थे
क्या अब भी कोई खैलता है उस पीपल पर
जिस से हम दिन भर ही चिपके होते थे
जिस से हम दिन भर ही चिपके होते थे