सोमवार, 26 नवंबर 2018

जान भी देते अगर उनका इशारा होता- चंदन दास

उनसे इंकार तो हरगिज़ न गवारा होता
जान भी देते अगर उनका इशारा होता
कौन कहता है कि दिन रात मेरे नाम करो
एक लम्हा तो मेरे साथ  गुजारा होता
जान भी ......
उनसे.........

तू मसीहा है मसीहा मसीहा लेकिन
बात तो जब भी थी दर्द का चारा होता
जान भी ....
उनसे......

एक हसरत है जो पलती है मेरे सीने में
काश इस शहर में तो कोई तो हमारा होता
जान भी.......…

गैर के हाथ से सागर भी न लगा न मुराद
तू अगर ज़हर भी देता तो गवारा होता
जान भी......

Visit- https://youtu.be/Lco4Xy6FoLg
गायक- जनाब चंदन दास


रविवार, 25 नवंबर 2018

महफ़िल में रंग लाएगी बोतल शराब की- चंदन दास

जब से उल्फत तेरी नसीब हुई सारी दुनिया मेरी रक़ीब हुई
ऐसी जन्नत को क्या करूँ लेकर बाद मरने के जो नसीब हुई

महफ़िल में रंग लाएगी बोतल शराब की
नाचेगी और नाचायेगी बोतल शराब की

रुखसत हुए जो घर को तो साकी ने ये कहा
ले जा वो याद आएगी बोतल शराब की
नाचेगी और......

दिल है मरीज़ इश्क का दिल की दवा शराब
हर दर्द को मिटाएगी बोतल शराब की
नाचेगी और नाचायेगी.......

घर मे अकेले बैठके पीने का क्या मजा
महफ़िल में रंग लाएगी बोतल शराब की
नाचेगी और .........

दुनिया को छोड़ छाड़ कर मयखाना आइये
दुनिया नयी बनाएगी बोतल शराब की
महफिल में रंग.....

असलम जमाने वालो ने ठुकरा दिया तो क्या
तुझको गले लगाएगी बोतल शराब की
नाचेगी और.....

गायक- चंदन दास
ग़ज़ल- असलम