मंगलवार, 6 मई 2014

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा । इतना मत चाहो उसे, वो बेवफ़ा हो जाएगा

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा । 
इतना मत चाहो उसे, वो बेवफ़ा हो जाएगा । 

हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है, 
जिस तरफ़ भी चल पड़ेगे, रास्ता हो जाएगा । 

कितना सच्चाई से, मुझसे ज़िंदगी ने कह दिया, 
तू नहीं मेरा तो कोई, दूसरा हो जाएगा । 

मैं खूदा का नाम लेकर, पी रहा हूँ दोस्तो, 
ज़हर भी इसमें अगर होगा, दवा हो जाएगा । 

सब उसी के हैं, हवा, ख़ुश्बु, ज़मीनो-आस्माँ, 
मैं जहाँ भी जाऊँगा, उसको पता हो जाएगा ।

मुँह की बात सुने हर कोई दिल के दर्द को जाने कौन

मुँह की बात सुने हर कोई
दिल के दर्द को जाने कौन
आवाज़ों के बाज़ारों में
ख़ामोशी पहचाने कौन ।

सदियों-सदियों वही तमाशा
रस्ता-रस्ता लम्बी खोज
लेकिन जब हम मिल जाते हैं
खो जाता है जाने कौन ।

जाने क्या-क्या बोल रहा था
सरहद, प्यार, किताबें, ख़ून
कल मेरी नींदों में छुपकर
जाग रहा था जाने कौन ।

मैं उसकी परछाई हूँ या
वो मेरा आईना है
मेरे ही घर में रहता है
मेरे जैसा जाने कौन ।

किरन-किरन अलसाता सूरज
पलक-पलक खुलती नींदें
धीमे-धीमे बिखर रहा है
ज़र्रा-ज़र्रा जाने कौन ।